रानी मिस्त्रियां बदल रही हैं गांव की तस्वीर

रांची के दो गांव की तसवीर जिनके बदलने में रानी मिस्त्री के साथ गांव के लोगों की जागरूकता भी नजर आयी़ इस गांव के बदलते रूप को देखने का मौका यूनिसेफ के सहयोग से प्राप्त हुआ है़ दोनों गांव में महिलाओं की जागरूकता और उनका सहयोग दिखा़
रातु ब्लॉक का गुटवा गांव और कांके ब्लॉक का नगड़ी गांव जहां रानी मिस्त्री ने गांव को स्वच्छता का मिसाल बनाया है़ गुटवा गांव रांची से 15-20 किलो मीटर की दूरी पर है़ यहां 400-450 लोगों की आबादी वाले गांव में पिछले साल तक एक भी शौचालय नहीं था़ 2018 में यहां हर घर में शाैचालय बन चुका है़ इसका श्रेय यहां की रानी मिस्त्री को जाता है़ जिन्होंने अपनी सुरक्षा और बीमारियों से बचने के लिए यह बीड़ा उठाया़ फुलमनी सहित छह अन्य रानी मिस्त्री ने रेजा मिस्त्री के काम में देरी को देखते हुए स्वयं बनाने का कार्य संभाला. तीन दिनों की ट्रेनिंग ली अौर शौचालय बनाने का काम शुरू कर दी़ दौरान उन्हें कई बातों को सहना भी पड़ा. ग्रामीण सीता देवी कहती है कि तीन महीने पहले ही हमारा शौचालय बना है़ शौचालय के लिए हमने काफी प्रयास किया़ ग्राम सभा से लेकर बीडीओ तक गये़ शादी हुए 15 साल हो गये लेकिन शौचालय नहीं होने से काफी परेशानी होती थी़ अहले सुबह ही अंधेरे में जाना पड़ता था़ जानवर और सुरक्षा का डर हमेशा रहा़ फुलमनी रानी मिस्त्री को उप राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है़
वहीं कांके ब्लॉक का नगड़ी गांव की बात करें तो अब तक 148 शौचालय बन चुके है़ यहां 15 रानी मिस्त्री है जो सार दिन लग कर शौचालय बनाने का काम पूरा कर रही है़ यहां 15 रानी मिस्त्री ने ट्रेनिंग ली और शौचालय निर्माण कर रही है़ यहां की रानी मिस्त्री सीता कच्छप बीएससी पास करके रानी मिस्त्री का काम कर रही है. वह गांव को साफ और स्वच्छ बानने के लिए गांव में शौचालय का निर्माण स्वयं कर रही है़ वर्तमान में इस गांव में 46 शौचालय बनने का काम जारी था़ रानी मिस्त्री किरण टोप्पो ने कहा कि हर जगह लेडिज फस्ट का नारा दिया जाता है जो शौचालय निर्माण के लिए पुरुषों के हाथ पैर क्यों जोड़े. स्वयं ही शौचालय बनाने के लिए यूनिसेफ की दीदी से ट्रेनिंग ली़ तीन दिनों की ट्रेनिंग के बाद शौचालय निर्माण काम शुरू कर दिये़ गांव की स्वच्छता के साथ आजीविका का साधन मिल गया़  इसमें आठ महिला समिति का भी सहयोग रहा. यहां हर सप्ताह महिला समिति की बैठक करके शौचालय क्यों निर्माण जरूरी है आदि की जानकारी दी जाती है़  वहीं ग्रामीण चांगो देवी कहती है कि अाधी रात को शौच के लिए घर से दूर जाना पड़ता था़  मैंने तो अपनी जीवन इसी तरह से जी ली लेकिन लेकिन बेटी बड़ी हो गयी है उसे रात को अकेले नहीं भेज सकते थे़  इसलिए शौचालय निर्माण कराये़  ग्रामीण सुगिया कहती है कि दो बेटी रांची के कॉलेज में पढ़ती है़  दोनों की सुरक्षा और जिद पर शौचालय का निर्माण कराये है़